अलीगढ़: कामगारों को नौकरी से निकालने पर रद्द हो जाएगा पंजीकरण, डीएम ने जारी किए आदेश

अलीगढ़ जिला प्रशासन ने लॉकडाउन के कारण बंद पड़ी फैक्टरियों के मजदूरों व किराएदारों को राहत देने के लिए सख्त कदम उठाया है। कोरोना की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान जिले की लगभग सभी कंपनी और प्रतिष्ठानों में कामकाज ठप हो गए हैं।


ताला फैक्ट्रियों में ताले लग गए हैं। ऐसे में मजदूरों को अपनी नौकरी जाने की चिंता सताने लगी है। इस समस्या को देखते हुए डीएम ने सभी फैक्ट्री संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह किसी को नौकरी से नहीं निकाल सकते हैं। इसके साथ ही फैक्टरी या कंपनी मालिकों को हर हाल में मजदूरों को 31 मार्च तक वेतन देना होगा। 

आदेश का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उल्लंघन करने पर फैक्टरी या कंपनी का पंजीकरण भी रद्द किया जा सकता है। जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि श्रम विभाग के माध्यम से इस आदेश को सभी प्रतिष्ठान, कारखाने, कंपनी संचालकों को इस आदेश से अवगत करा दिया गया है। 

इसके साथ ही मकान मालिक किराएदारों पर किसी भी प्रकार से इस महीने का किराया देने को लेकर दबाव नहीं बनाएंगे। जब तक लॉक डाउन के बाद हालत सामान्य नहीं होंगे। यह आदेश लागू रहेगा। बता दें कि जिले की ताला फैक्टरियों में लाखों मजदूर काम करते हैं। लॉक डाउन के दौरान यह सभी फैक्टरियां बंद हो गई हैं। इनके मजदूरों को जिला प्रशासन की ओर से भोजन, राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।

घास का भोजन करने की अफवाह
रविवार को शाहजमाल इलाके में रहने वाले एक मजदूर के संबंध में अफवाह भी फैल गई थी कि उसके फैक्ट्री संचालक ने उसे पैसे नहीं दिए, जिसके कारण वह घास का खाना बनाकर खाने को मजबूर हो गया। इस अफवाह पर जिला प्रशासन ने दौड़ लगा दी। 

एसडीएम ने मौके पर पहुंच कर सच्चाई जानी तो पता लगा कि मजदूर ने घास का खाना बनाकर नहीं खाया था। हां, यह बात सच निकली कि उसके पास पैसे न होने के चलते घर में राशन-भोजन की किल्लत थी। इस पर एसडीएम ने मौके पर ही मजदूर को राशन उपलब्ध कराया।